निवेश करना एक ऐसा काम है, जिसे अक्सर लोग मुश्किल और थका देने वाला समझते हैं।
शेयर बाज़ार की हर दिन की हलचल, रिसर्च करना, और शेयरों को ट्रैक करना यह सब बहुत मेहनत का काम लगता है।
इसीलिए बहुत से लोग निवेश करने से बचते हैं या अपने पैसे को सिर्फ़ बैंक के बचत खाते में छोड़ देते हैं, जहाँ वह महंगाई के आगे अपनी कीमत खो देता है।
लेकिन क्या हो अगर हम कहें कि कुछ ऐसे निवेश के तरीके भी हैं जिनके लिए आपको रोज़ सिरदर्दी नहीं लेनी पड़ती?
ये उन लोगों के लिए बेहतरीन हैं जिन्हें हम ‘आलसी निवेशक’ कहते हैं यानी, वो लोग जो एक बार निवेश करके सालों तक उसे बिना छेड़े छोड़ सकते हैं।
इन विकल्पों को समझने के लिए आपको फाइनेंस का मास्टर होने की ज़रूरत नहीं है। ये आसान और असरदार हैं।
चलिए जानते हैं कुछ ऐसे निवेश विकल्पों के बारे में जो कम मेहनत में अच्छा रिटर्न देते हैं।

इंडेक्स फंड (Index Funds)
अगर आप शेयर बाज़ार की रिसर्च में नहीं पड़ना चाहते, तो इंडेक्स फंड आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है।
यह एक तरह का म्यूचुअल फंड है जो किसी खास मार्केट इंडेक्स को कॉपी करता है, जैसे भारत का निफ्टी 50 (Nifty 50) या सेंसेक्स (Sensex)
जब आप इंडेक्स फंड में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा निफ्टी 50 में शामिल टॉप 50 कंपनियों में अपने आप बँट जाता है।
आपको अलग-अलग शेयरों को चुनने की ज़रूरत नहीं है।
आपको बस एक इंडेक्स फंड चुनना है और हर महीने SIP (Systematic Investment Plan) के ज़रिए उसमें पैसा डालते रहना है। जब बाज़ार ऊपर जाएगा, तो आपका फंड भी ऊपर जाएगा।
यह बहुत आसान है और इसके लिए बहुत कम मैनेजमेंट फीस लगती है, क्योंकि फंड मैनेजर को बहुत ज़्यादा रिसर्च नहीं करनी पड़ती।
यह उन निवेशकों के लिए बिल्कुल सही है जो कम लागत में बाज़ार की ग्रोथ का फ़ायदा उठाना चाहते हैं।
ईटीएफ (ETFs) या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड
ईटीएफ भी इंडेक्स फंड की तरह ही होते हैं, लेकिन इन्हें आप शेयर की तरह खरीद और बेच सकते हैं।
यह म्यूचुअल फंड और शेयर का एक मिला-जुला रूप है। आप इन्हें दिन में कभी भी खरीद या बेच सकते हैं, जबकि म्यूचुअल फंड में ऐसा नहीं होता।
ईटीएफ भी किसी इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, जैसे निफ्टी 50।
अगर आप एक बार में बड़ी रकम निवेश करना चाहते हैं, तो ईटीएफ खरीद सकते हैं।
बस एक डीमैट अकाउंट (Demat Account) खोलें और अपनी पसंद का ईटीएफ खरीद लें।
एक बार खरीदने के बाद, आप इसे भूल सकते हैं और सालों बाद देख सकते हैं। यह भी कम मेहनत वाला विकल्प है और इसकी फीस भी बहुत कम होती है।
PPF: सुरक्षा और टैक्स बचत का कॉम्बिनेशन
अगर आप किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते, तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
यह सरकार की एक स्कीम है जो पूरी तरह से सुरक्षित है। इसमें आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है, जो बैंक FD से ज़्यादा होता है।
इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें आपको टैक्स में भी छूट मिलती है।
आप इसमें सालाना ₹1.5 लाख तक निवेश कर सकते हैं और उस पर कोई टैक्स नहीं लगता।
यह 15 साल की एक लंबी अवधि वाली स्कीम है, लेकिन आप इसे बीच में भी कुछ शर्तों के साथ निकाल सकते हैं।
यह उन लोगों के लिए है जो अपने पैसे को सुरक्षित रखना चाहते हैं और उसे धीरे-धीरे बढ़ाना चाहते हैं, बिना किसी चिंता के।
डेट फंड (Debt Funds): कम रिस्क वाला विकल्प
अगर आप थोड़ा-बहुत रिस्क ले सकते हैं, लेकिन शेयर बाज़ार जितना नहीं, तो डेट फंड्स को देखें।
ये फंड अपना पैसा सरकारी बॉन्ड, कंपनी बॉन्ड और दूसरे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में लगाते हैं। इसमें शेयर बाज़ार के मुकाबले बहुत कम उतार-चढ़ाव होता है।
डेट फंड में निवेश करना भी म्यूचुअल फंड की तरह आसान है। आप इसमें SIP के ज़रिए हर महीने एक तय रकम डाल सकते हैं।
ये फंड शेयर बाज़ार की तेजी से नहीं बढ़ते, लेकिन ये आपको एक स्थिर और नियमित रिटर्न देते हैं।
यह उन निवेशकों के लिए सही है जो अपने पैसे को बैंक के सेविंग अकाउंट से बेहतर जगह रखना चाहते हैं, लेकिन रिस्क नहीं लेना चाहते।
रियल एस्टेट (Real Estate)
अगर आपके पास बड़ी रकम है और आप उसे लंबे समय के लिए कहीं लगाना चाहते हैं, तो रियल एस्टेट एक शानदार विकल्प हो सकता है।
एक घर, एक दुकान या ज़मीन खरीदना—ये सब ऐसे निवेश हैं जिन्हें आप सालों तक छोड़ सकते हैं।
समय के साथ उनकी कीमत बढ़ती है और आप उन्हें किराए पर देकर एक नियमित इनकम भी कमा सकते हैं।
रियल एस्टेट में आपको रोज़ के भाव नहीं देखने पड़ते। इसमें लिक्विडिटी थोड़ी कम होती है, यानी आप इसे तुरंत कैश में नहीं बदल सकते,
लेकिन यह एक ठोस संपत्ति है। आप इसे अपने बच्चों के लिए छोड़ सकते हैं या रिटायरमेंट के बाद इसे बेचकर एक बड़ा फंड बना सकते हैं।
यह उन लोगों के लिए है जिनके पास धैर्य और निवेश के लिए एक बड़ी रकम है।
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs)
सोने को हमेशा से एक सुरक्षित निवेश माना गया है, खासकर जब बाज़ार में उथल-पुथल हो।
पहले लोग सोना खरीदने के लिए ज्वेलरी शॉप पर जाते थे, लेकिन अब आप घर बैठे भी सोने में निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) आपको यही सुविधा देते हैं। यह एक तरह का फंड है जो सोने की कीमत पर आधारित होता है।
आप गोल्ड ईटीएफ को शेयर की तरह ही अपने डीमैट अकाउंट से खरीद सकते हैं।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको असली सोना खरीदने की सिरदर्दी नहीं लेनी पड़ती—ना उसे रखने की चिंता, ना चोरी होने का डर।
इसकी कीमत भी असली सोने की कीमत के हिसाब से ऊपर-नीचे होती है।
यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है जो अपने पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करना चाहते हैं, लेकिन बिना किसी झंझट के। यह भी एक बार खरीदकर लंबे समय के लिए छोड़ा जा सकता है।
हाइब्रिड फंड (Hybrid Funds)
अगर आप चाहते हैं कि आपका पैसा शेयर बाज़ार की तेज़ी का फ़ायदा उठाए, लेकिन साथ ही सुरक्षित भी रहे, तो हाइब्रिड फंड्स आपके लिए बने हैं।
ये फंड शेयर बाज़ार और डेट मार्केट (सरकारी बॉन्ड और कंपनी बॉन्ड) दोनों में निवेश करते हैं।
फंड मैनेजर आपके पैसे का एक हिस्सा शेयरों में लगाते हैं और दूसरा हिस्सा बॉन्ड में।
इससे जब शेयर बाज़ार गिरता है, तो बॉन्ड वाला हिस्सा आपके फंड को सहारा देता है। और जब बाज़ार ऊपर जाता है, तो शेयरों वाला हिस्सा आपको अच्छा रिटर्न देता है।
यह एक बैलेंस्ड अप्रोच है, जिसमें आपको ज़्यादा दिमाग नहीं लगाना पड़ता। फंड मैनेजर खुद तय करते हैं कि कितना पैसा कहाँ लगाना है।
यह उन निवेशकों के लिए है जो थोड़ा रिस्क ले सकते हैं, लेकिन पूरा नहीं। यह कम मेहनत में दोनों दुनिया का फ़ायदा देता है।
Conclusion
आलसी निवेशक होना कोई बुरी बात नहीं है, अगर आप सही विकल्प चुनते हैं।
ये सारे विकल्प आपको बार-बार रिसर्च करने या बाज़ार को ट्रैक करने की सिरदर्दी से बचाते हैं।
आपको बस एक बार अपनी ज़रूरत के हिसाब से सही विकल्प चुनना है और उसमें नियमित रूप से निवेश करते रहना है।
याद रखें, निवेश का सबसे बड़ा नियम है धैर्य। अगर आप अपने पैसे को लंबे समय तक बढ़ने का मौका देंगे, तो वह ज़रूर बढ़ेगा।
तो, अपनी आलस्य को अपनी ताकत बनाएँ और आज ही निवेश करना शुरू करें। आपकी छोटी सी शुरुआत आने वाले समय में एक बड़ा बदलाव लाएगी।