फिक्स्ड डिपॉज़िट, जिसे हम प्यार से ‘FD’ कहते हैं, भारत में निवेश का सबसे पुराना और भरोसेमंद तरीका माना जाता है।

जब बात सुरक्षा और गारंटीड रिटर्न की आती है, तो FD का नाम सबसे पहले आता है।

यह एक ऐसा निवेश है जहाँ आपका मूलधन (principal) पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और आपको मैच्योरिटी पर एक तय ब्याज मिलता है।

लेकिन आज के समय में, जब महंगाई (inflation) की दर अक्सर FD के ब्याज से ज़्यादा होती है, तो क्या सिर्फ़ FD में पैसा रखना समझदारी है?

अगर FD पर आपको 7% का ब्याज मिल रहा है और महंगाई 6.5% है, तो आपकी बचत असल में सिर्फ़ 0.5% ही बढ़ रही है।

ऐसे में, अपने पैसों को तेज़ी से बढ़ाने के लिए FD से बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्पों को जानना बहुत ज़रूरी है।

यह लेख उन निवेशकों के लिए है जो थोड़ा-बहुत रिस्क ले सकते हैं और अपने पैसों को सिर्फ़ सुरक्षित रखने के बजाय बढ़ाना चाहते हैं।

यहाँ हम कुछ ऐसे विकल्पों के बारे में बात करेंगे जो FD से ज़्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।

Public Provident Fund: सुरक्षा के साथ बेहतर रिटर्न

अगर आप लॉन्ग-टर्म (long-term) निवेश चाहते हैं और सुरक्षा को सबसे ज़्यादा अहमियत देते हैं, तो PPF (Public Provident Fund) एक बेहतरीन विकल्प है।

यह सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक स्कीम है, जिसमें आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है।

इसका इंटरेस्ट रेट FD से ज़्यादा होता है और इस पर टैक्स भी बचता है।

  • रिटर्न: वर्तमान में PPF पर मिलने वाला ब्याज बैंक FD से ज़्यादा है। इसकी दर सरकार हर क्वार्टर में तय करती है, लेकिन यह आमतौर पर FD से 0.5% से 1% तक ज़्यादा ही होता है।
  • टैक्स बेनिफिट: PPF में निवेश की गई रकम पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है। इसके अलावा, इससे मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है। इसे EEE (Exempt-Exempt-Exempt) स्टेटस मिलता है।
  • अवधि: इसकी लॉक-इन पीरियड 15 साल की होती है, लेकिन आप 7 साल बाद कुछ शर्तों के साथ आंशिक निकासी (partial withdrawal) कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई जैसे लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों के लिए पैसा बचाना चाहते हैं।

PPF एक ऐसा प्रोडक्ट है जो FD की सुरक्षा और उससे बेहतर रिटर्न का एक शानदार कॉम्बिनेशन देता है।

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC): एक और सुरक्षित सरकारी विकल्प

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) भी एक सरकारी स्कीम है जो पोस्ट ऑफिस और कुछ बैंकों में उपलब्ध है।

यह 5 साल की अवधि के लिए होती है और इसमें भी सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।

  • रिटर्न: NSC पर भी FD से ज़्यादा ब्याज मिलता है। इसका ब्याज सालाना कंपाउंड (compound) होता है, जिसका मतलब है कि आपको ब्याज पर भी ब्याज मिलता है, जिससे आपका पैसा तेज़ी से बढ़ता है।
  • सुरक्षा: यह भी सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है।
  • निवेश: आप इसे सिर्फ़ ₹100 से भी शुरू कर सकते हैं और इसमें निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।

अगर आप FD से ज़्यादा रिटर्न चाहते हैं, लेकिन कोई रिस्क नहीं लेना चाहते और 5 साल के लिए अपने पैसे को लॉक कर सकते हैं, तो NSC एक अच्छा विकल्प है।

सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS): 60+ के लिए बेस्ट

यह स्कीम सिर्फ़ 60 साल से ज़्यादा उम्र के नागरिकों के लिए है।

यह FD से बेहतर रिटर्न देती है और हर तिमाही (quarter) ब्याज का भुगतान करती है, जिससे नियमित इनकम होती रहती है।

  • रिटर्न: SCSS पर मिलने वाला ब्याज आमतौर पर FD से बहुत ज़्यादा होता है। यह 5 साल के लिए होती है और इसे 3 साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है।
  • नियमित आय: इस स्कीम से हर तिमाही में सीधे आपके अकाउंट में ब्याज आता है, जो रिटायरमेंट के बाद खर्चों को पूरा करने में बहुत मदद करता है।
  • टैक्स: इसमें भी सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।

रिटायर हो चुके लोगों के लिए यह FD का सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें सुरक्षा, ज़्यादा रिटर्न और नियमित आय तीनों मिलती हैं।

Debt Funds: कम रिस्क, बेहतर लिक्विडिटी

अगर आप थोड़ा-बहुत रिस्क ले सकते हैं, लेकिन शेयर बाज़ार जितना नहीं, तो डेट फंड्स आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।

ये म्यूचुअल फंड्स अपना पैसा सरकारी बॉन्ड और कॉर्पोरेट बॉन्ड में लगाते हैं, जिनमें उतार-चढ़ाव कम होता है।

  • रिटर्न: डेट फंड्स का रिटर्न FD से बेहतर होता है, खासकर जब आप 1 से 3 साल के लिए निवेश करते हैं।
  • लिक्विडिटी: ये फंड्स बहुत लिक्विड होते हैं। आप जब चाहें अपना पैसा निकाल सकते हैं, जबकि FD में निकालने पर पेनल्टी लग सकती है।
  • रिस्क: शेयर बाज़ार के फंड्स के मुकाबले इनमें रिस्क बहुत कम होता है।
  • टैक्स: अगर आप डेट फंड्स में 3 साल से ज़्यादा समय के लिए निवेश करते हैं, तो आपको इंडेक्सेशन बेनिफिट्स का फ़ायदा मिलता है, जिससे टैक्स का बोझ कम हो जाता है।

डेट फंड्स उन लोगों के लिए हैं जो बैंक सेविंग अकाउंट या FD से ज़्यादा रिटर्न चाहते हैं और जिन्हें एमरजेंसी में पैसे निकालने की ज़रूरत पड़ सकती है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB): सोने में निवेश का सबसे स्मार्ट तरीका

अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) सबसे अच्छा विकल्प है।

ये सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं और आपको असली सोना खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

  • रिटर्न: SGB पर दो तरह से रिटर्न मिलता है। पहला, आपको हर साल 2.5% का तय ब्याज मिलता है। दूसरा, जब मैच्योरिटी के बाद बॉन्ड को बेचा जाता है, तो आपको सोने की कीमत बढ़ने का फ़ायदा मिलता है।
  • सुरक्षा: यह सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है।
  • टैक्स: मैच्योरिटी पर मिलने वाले रिटर्न पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता।
  • आसान: इसे खरीदने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की ज़रूरत नहीं पड़ती, और आपको असली सोना रखने की चिंता भी नहीं होती।

यह FD से बेहतर रिटर्न देता है और महंगाई से भी बचाता है।

Corporate FD: ज़्यादा ब्याज, थोड़ा ज़्यादा रिस्क

बैंक FD की तरह ही, कंपनियां भी लोगों से पैसे उधार लेती हैं और उस पर ब्याज देती हैं, जिसे कॉर्पोरेट FD कहते हैं।

इनमें बैंक FD के मुकाबले ज़्यादा ब्याज मिलता है।

  • रिटर्न: कॉर्पोरेट FD पर बैंक FD से 1% से 2% ज़्यादा ब्याज मिल सकता है।
  • रिस्क: इनमें बैंक FD से थोड़ा ज़्यादा रिस्क होता है, क्योंकि अगर कंपनी डूब जाए तो आपके पैसे वापस मिलने की गारंटी नहीं होती। इसलिए, किसी भी कंपनी की क्रेडिट रेटिंग (जैसे CRISIL, ICRA) ज़रूर चेक करें।
  • विकल्प: आप अलग-अलग कंपनियों और अवधियों के लिए विकल्प चुन सकते हैं।

यह उन निवेशकों के लिए है जो थोड़ा-सा रिस्क लेकर ज़्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं और अच्छी रेटिंग वाली कंपनियों को जानते हैं।

Hybrid Funds

अगर आप शेयर बाज़ार की तेज़ी का फ़ायदा लेना चाहते हैं, लेकिन साथ ही अपने निवेश को सुरक्षित भी रखना चाहते हैं, तो हाइब्रिड फंड्स एक अच्छा विकल्प हैं।

ये फंड्स अपने पैसे का एक हिस्सा शेयरों में और दूसरा हिस्सा बॉन्ड में लगाते हैं।

  • रिटर्न: ये फंड्स FD से ज़्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं, क्योंकि इनका एक हिस्सा शेयरों में निवेश होता है।
  • बैलेंस: जब शेयर बाज़ार गिरता है, तो बॉन्ड वाला हिस्सा आपके फंड को सहारा देता है। और जब बाज़ार ऊपर जाता है, तो शेयरों वाला हिस्सा आपको अच्छा रिटर्न देता है।
  • मैनेजमेंट: फंड मैनेजर आपके निवेश को मैनेज करते हैं, जिससे आपको ज़्यादा रिसर्च करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

यह उन लोगों के लिए है जो FD से एक कदम आगे बढ़ना चाहते हैं और मॉडरेट रिस्क लेने को तैयार हैं।

Conclusion

FD एक सुरक्षित और अच्छा निवेश है, लेकिन सिर्फ़ इसी पर निर्भर रहने से आपका पैसा महंगाई के आगे नहीं बढ़ पाएगा।

अपने पैसों को तेज़ी से बढ़ाने के लिए आपको FD से बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्पों को समझना और उनमें निवेश करना होगा।

अपने निवेश की शुरुआत करने से पहले, अपनी रिस्क लेने की क्षमता और निवेश की अवधि ज़रूर तय करें। अ

गर आप कोई रिस्क नहीं लेना चाहते, तो PPF और NSC जैसे सरकारी विकल्प सबसे अच्छे हैं। अगर आप थोड़ा-सा रिस्क ले सकते हैं, तो डेट फंड्स और हाइब्रिड फंड्स पर विचार करें।

याद रखें, हर निवेश का अपना रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल होता है। समझदारी से निवेश करें और अपने पैसों को भविष्य के लिए काम पर लगाएँ।

I am Jeeshan, writer of this blog. I have 8+ year of experience in banking sector. I have started this blog to share the valuable topic peoples always asking for it.

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